गौशाला प्रांगण में वर्ष भर होते हैं धार्मिक आयोजन
श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद के प्रांगण में गौशाला परिवार समय – समय पर होने वाले धार्मिक आयोजनों के माध्यम से वैदिक संस्कृति के प्रचार – प्रसार में समाज के प्रत्येक वर्ग को सम्मिलित कर वर्ष भर निम्न धार्मिक आयोजनों को प्रमुख रूप से सम्पन्न कराता है।
1. भव्य गोपाष्टमी के कार्यक्रम में गौ भंडारा, सप्त गौ – परिक्रमा, हरिनाम संकीर्तन, गौ शोभा यात्रा, आनंदोत्सव, दीपदान, पुष्ट – पोषित करने वाली सूर्यदेवमयी गौ – माता की भव्य आरती, गौ पूजन, गौभिषेक, भजन संध्या, देव पूजन, संत पूजन, तुलसी पूजन, सुंदर, आकर्षक व मनमोहक रंगोली का निर्माण, 1008 दीपकों से अलौकिक महाआरती, दीपदान व विशाल भंडारे का आयोजन होता है।
2. ‘श्री चिंताहरण हनुमान जी’ की प्रतिमा का प्राण- प्रतिष्ठा उत्सव जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा का श्रंगार, भजन संध्या, सुंदर कांड का पाठ, 501 दीपकों से भव्य अलौकिक महाआरती, फूलों की होली, भोग व प्रसाद वितरण किया जाता है।
3. नंदोत्सव में 501 दीपकों से भव्य अलौकिक महाआरती, फूलों की होली,भण्डारे का आयोजन किया जाता है।
4. मकर संक्रांति का पर्व ‘श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद में ‘सामाजिक समरसता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। जिसमें श्री रामचरित मानस का पाठ व 500 से अधिक व्यक्तियों के लिए तहरी भोज का आयोजन किया जाता है।
5. अष्टमी, रामनवमीं व श्री रामजन्मोत्सव के अवसर पर शोभायात्रा, श्री रामचरित मानस का पाठ, 501 दीपकों से भव्य अलौकिक महाआरती, कन्याभोज व भंडारे का आयोजन किया जाता है।
6. बड़े मंगलवार पर हनुमान जी का भव्य श्रंगार, विशाल आरती, भजन व कीर्तन चालीसा, भंडारा, जीव भोज का आयोजन किया जाता है।
7. राधा कृष्ण झूला महोत्सव में 1008 दीपकों से भव्य अलौकिक महाआरती का आयोजन व मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं।
8. कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ, हाथी – घोड़ा पालकी, छोटे – छोटे बच्चों को भगवान के विभिन्न स्वरूपों में सजाकर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं।
9. 250 – 300 वर्ष प्राचीन बरगद की वट वृक्ष के रूप में पूजा की जाती है।
10. बारह (12) वर्षों से निरंतर प्रत्येक वर्ष शीतला अष्टमी के अवसर पर 108 परिवारों द्वारा 5051 पार्थिव शिवलिंगों का रूद्राभिषेक किया जा रहा है। कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रत्येक परिवार को पांच दिन पूर्व से ही सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र के जप का संकल्प दिलाया जाता है। इसके पूर्ण होने के बाद शिव का रूद्राभिषेक, शिव आरती, शिव पूजन व विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
11. सुंदर कांड के पाठ संग नव वर्षं का स्वागत किया जाता है।
‘श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद’ में उ.प्र. राज्य व देश के अन्य राज्यों के साथ – साथ विभिन्न देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस इत्यादि से भी श्रद्धालुओं व भक्तगणों का निरंतर आगमन होता है।
