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सेवा, साधना, शिक्षा, संरक्षण, संवर्धन, शोध व स्वरोजगार के नवीन आयामों को स्थापित करती ‘श्री गोपेश्वर गौशाला’

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हरदोई जिले की ओर सड़क मार्ग द्वारा लगभग 26 कि.मी.चलने पर या रेलमार्ग द्वारा चारबाग और आलमनगर रेलवे स्टेशन से मलिहाबाद रेलवे स्टेशन आकर मलिहाबाद  तहसील के आर्यनगर क्षेत्र में गल्ला मंडी रोड पर स्थित ‘श्रीगोपेश्वर गौशाला’ पहुँचने पर यह प्रत्यक्ष अनुभूति होती है कि यह केवल एक गौशाला मात्र  ही नहीं अपितु सेवा, साधना, शिक्षा, संरक्षण, संवर्धन, शोध व स्वरोजगार का  अनुपम केंद्र है |आज ‘श्री गोपेश्वर गौशाला, मलिहाबाद’ उत्तर प्रदेश राज्य की मॉडल गौशाला का दर्जा प्राप्त करते हुए देश की गौशालाओं के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित हो चुकी है। 

300 से भी अधिक गायों व गौवंशों की सेवा

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सन् 1999 ई. में क्षेत्र के धर्म प्रेमियों द्वारा श्रीराम महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया था, आयोजन के मध्य ही यह निर्णय लिया गया कि यज्ञ की वार्षिकी पर यहाँ गौशाला की स्थापना भी की जाये, जहाँ असहाय,आसक्त, अस्वस्थ,दुर्घटनाग्रस्त, निराश्रित,अपंग, बेसहारा,कसाईयों के चंगुल से बचायी गयी गायों व गौवंशों की सेवा व उपचार हो सके।

इस पुनीत कार्य का संकल्प लेकर 19 फ़रवरी सन् 2000 ई. को 250 वर्ष प्राचीन ‘श्री गोपेश्वर नाथ महादेव जी मंदिर ‘ प्रांगण में गौशाला की स्थापना उ.प्र सरकार के तत्कालीन नगर विकास मंत्री व म. प्र. राज्य के पूर्व महामहिम राज्यपाल स्व. लालजी टण्डन जी, उ.प्र सरकार के तत्कालीन पशुधन विभाग के सचिव श्री राजीव कुमार गुप्त जी (आई.ए.एस), राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तत्कालीन प्रान्त प्रचारक व वर्तमान में अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख माननीय श्री स्वान्त रंजन जी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तत्कालीन तहसील प्रचारक व वर्तमान में अवध प्रान्त के प्रचारक माननीय श्री कौशल जी, स्व.रामबाबू गुप्त जी, श्री राधेश्याम गुप्त जी, श्री नंद किशोर गुप्त जी, श्री दुर्गा प्रसाद गुप्त जी,श्री जानकी प्रसाद गुप्त जी, श्री जानकी प्रसाद वर्मा जी, श्री रामेश्वर प्रसाद राठौर जी, श्री वीरेन्द्र कुमार वर्मा जी, श्री राजाराम वर्मा जी, श्री अवधेश निगम जी, श्री आदित्य प्रकाश अवस्थी जी, श्री उमाकांत गुप्त जी, बालामऊ के श्री प्रेम नारायण गुप्त जी  द्वारा की गयी, साथ ही मानस मर्मज्ञ स्व. रामनाथ पाण्डेय जी का मार्गदर्शन गौशाला को समय – समय पर मिलता रहा। 

वर्तमान में श्री उमाकांत गुप्त जी, श्री अभिषेक गुप्त जी, श्री प्रकाश राठौर जी, श्री सुनील लोधी जी, श्री केसरी यादव जी, श्री राकेश दीक्षित जी, श्री राम कुमार राठौर जी, श्री राजू राठौर जी, श्री लोकेश निगम जी, श्री नवीन राठौर जी, श्री विवेक वर्मा जी, श्री बलराम जी इत्यादि लोग प्रतिदिन गौशाला में साफ़ – सफ़ाई कर, घायल गौवंशों की मरहम – पट्टी करते हैं और समय – समय पर गौशाला में विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की देख-रेख में अन्य औषधियों द्वारा गौवंशों का सम्पूर्ण उपचार और उनके नियमित टीकाकरण का भी उचित प्रबंध किया जाता है।

पूर्व में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (पर्यावरण व वन मंत्रालय) के सहयोग से गौशाला में बांझपन निवारण शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें पशुपालन विभाग एवं एल.डी.वी के पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा पशुओं में बांझपन के निवारण व उसके निदान हेतु जानकारी व पशुओं का उपचार डॉ. एस.एस.सिंह, डॉ. मुकेश, डॉ. सुरेश चंद्रा, डॉ. एस.के तिवारी द्वारा किया गया।

भारत की मूल सभ्यता को अपनाने व गौ सेवा से प्राप्त होने वाले लाभ हेतु कार्यशाला का आयोजन भी समय -समय पर गौशाला परिसर में होता रहा है। गौशाला में बेहतर साफ़सफ़ाई के साथ ही गायोंऔर गौवंशों के लिए  हरा चारा, सूखा चारा, हरी सब्जियां, गुड़, चना इत्यादि की भी व्यवस्था रहती है। शीतकालीन ऋतु के आगमन से ही गायों  और गौवंशों को शीत लहर से बचाने के क्रम में गौशाला की फ़र्शों पर रबर की मैट को बिछा दिया जाता है |

अब तक 4000 गौवंशों की सेवा गौशाला परिवार के इन सभी सद्स्यों व समाज के अन्य सहयोगियों द्वारा उनकी यथासामर्थ्य अनुरूप की जा चुकी है और वर्तमान में 300 से अधिक गौवंशों की सेवा गौशाला परिवार के सद्स्यगण तन – मन – धन से जारी रखे हुए है। गौशाला में इस समय केवल 8 से 10 ही ऐसी गायें हैं जिनसे दूध की प्राप्ति होती है। कालांतर में गौधन की हानि से समाज में जो अव्यवस्थाएं व विषमताएं उत्पन्न हुई, उनको समाप्त करने व गौमाता के आशीर्वाद से देश की महान संस्कृति की पुर्नस्थापना हेतु गौशाला परिवार सभी के सहयोग से प्रयत्नशील व कृत संकल्पित है। 

जीवन में एक बार गाय का गौदान करके गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने संग अनंत पुण्य अर्जित करने हेतु भी समाज को निरंतर प्रेरित किया जाता रहा है। गोपाष्टमी, रूद्राभिषेक जैसे विभिन्न आयोजनों व महोत्सव में दान एकत्रित कर विगत कई वर्षों से गौशाला का संचालन बिना किसी सरकारी सहायता को प्राप्त किये हुए हो रहा है। 

प्रत्येक वर्ष 19 फ़रवरी की तिथि पर ‘श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद’ के वार्षिकोत्सव और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व सरसंघ चालक स्व. माधव सदाशिव ग़ोलवलकर ‘गुरु जी’ की जन्मशती पर अखण्ड रामायण का पाठ, श्रीमद्भागवत कथा व समरसता यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है।

‘श्री गोपेश्वर गौशाला’, ‘ श्री गोपेश्वर नाथ महादेव जी व  ‘श्री चिंताहरण हनुमान जी’ के दरबार में प्राय: केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रीगण, जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, डी.जी.पी, डी.आई.जी, एस.एस.पी, महापौर, सांसद, विधायक, दिव्य संत, प्रशासनिक बंधु इत्यादि सम्मानित आगंतुकगण सपरिवार आते हैं और गौवंशों को गुड़ व हरा चारा खिलाते हैं।


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