‘श्री गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद’ के प्रबंधक ‘श्री उमाकांत गुप्त’ जी के अनुसार वर्तमान में 200 से अधिक पुरुषों तथा महिलाओं को पंचगव्य से निर्मित होने वाले उत्पादों जैसे धूपबत्ती, ह्वन सामग्री, ह्वन की लकड़ी दिये,देवी – देवताओं तथा महापुरूषों की मूर्तियों, वंदनवार, खिलौनों, शुष्क निर्माण आदि 140 से अधिक उत्पादों का निर्माण संबंधी ऑनलाइन व ऑफ़लाइन प्रशिक्षण देकर उनको निर्माण सामग्री उपलब्ध करा दी जाती है, निर्माण सामग्री को ले जाकर पुरुष तथा महिलाएं घर से या गौशाला में ही उत्पादों का निर्माण करते हैं।इस तरह से वे लोग प्रतिदिन औसतन रू. 500/- से रू. 600/- तक आजाविका के रूप में अर्जित कर अपने -अपने परिवार का भरण पोषण बेहतर तरीक़े से कर पाने में समर्थ बन रहे हैं।
पुरुषों तथा महिलाओं को प्राप्त होते स्वरोजगार के अवसर
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